Daily Current Affairs – 4th August 2022

भारत मालदीव संबंध

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने मालदीव के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।

प्रधानमंत्री ने हिंद महासागर में अंतर्राष्ट्रीय अपराध, आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी के खतरे पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शांति तथा स्थिरता के लिये रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में भारत एवं मालदीव के बीच समन्वय महत्त्वपूर्ण है।

द्विपक्षीय वार्ता:

सुरक्षा:

हिंद महासागर क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय अपराध, आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी के खतरे का मुकाबला करने के लिये भारत मालदीव सुरक्षा बल को 24 वाहन एवं एक नौसैनिक नाव उपलब्ध कराएगा, साथ ही द्वीपीय राष्ट्र के सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षित करने में मदद करेगा।

भारत मालदीव के 61 द्वीपों में पुलिस सुविधाओं के निर्माण में भी सहयोग करेगा।

माले कनेक्टिविटी परियोजना:

दोनों नेताओं ने ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, नई दिल्ली द्वारा वित्तपोषित 500 मिलियन अमेरिकी डाॅलर की परियोजना के का भी स्वागत किया।

दोनों नेताओं ने भारत से प्राप्त अनुदान और रियायती ऋण सहायता के तहत बनाए जा रहे 500 मिलियन अमेरिकी डाॅलर के ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट के वर्चुअल आधारशिला समारोह में भाग लिया।

समझौते:

मालदीव के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने के लिये दोनों देशों ने छह समझौतों पर हस्ताक्षर किये, जिनमें शामिल हैं:

साइबर सुरक्षा

क्षमता निर्माण

आवास

आपदा प्रबंधन

आधारभूत संरचना का विकास

भारत ने द्वीपीय राष्ट्र को कुछ आधारिक संरचना परियोजनाओं को पूरा करने में मदद करने के लिये 100 मिलियन अमेरिकी डाॅलर के वित्तीय सहायता की घोषणा की।

भारतमालदीव संबंध :

सुरक्षा सहयोग:

हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री द्वारा मालदीव की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान नेशनल कॉलेज फॉर पुलिसिंग एंड लॉ एन्फोर्समेंट (National College for Policing and Law Enforcement- NCPLE) का उद्घाटन किया गया।

पुनर्वास केंद्र:

अड्डू रिक्लेमेशन एंड शोर प्रोटेक्शन प्रोजेक्ट (Addu Reclamation and Shore Protection Project) हेतु 80 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गए हैं।

अड्डू में एक ‘ड्रग डिटॉक्सिफिकेशन एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर’ (Drug Detoxification And Rehabilitation Centre) का निर्माण भारत की मदद से किया गया है।

यह सेंटर स्वास्थ्य, शिक्षा, मत्स्यपालन, पर्यटन, खेल और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में भारत द्वारा कार्यान्वित की जा रही 20 उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं में से एक है।

आर्थिक सहयोग:

पर्यटन, मालदीव की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। वर्तमान में मालदीव कुछ भारतीयों के लिये एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और बहुत से भारतीय वहाँ रोज़गार के लिये जाते हैं।

अगस्त 2021 में एक भारतीय कंपनी, ‘एफकॉन’ (Afcons) ने मालदीव में अब तक की सबसे बड़ी बुनियादी अवसंरचना परियोजना- ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (GMCP) हेतु एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे।

भारत मालदीव का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।

महामारी संबंधी चुनौतियों के बावज़ूद वर्ष 2021 में, द्विपक्षीय व्यापार में पिछले वर्ष की तुलना में 31% की वृद्धि दर्ज की गई।

भारतमालदीव संबंधों में विद्यमान चुनौतियाँ:

राजनैतिक अस्थिरता:

भारत की प्रमुख चिंता इसकी सुरक्षा और विकास पर पड़ोसी देशों की राजनीतिक अस्थिरता का प्रभाव रहा है।

फरवरी 2015 में मालदीव के विपक्षी नेता मोहम्मद नशीद की आतंकवाद के आरोपों में गिरफ्तारी और उसके परिणामस्वरूप उत्पन्न हुए राजनीतिक संकट ने भारत की पड़ोस नीति के समक्ष एक वास्तविक कूटनीतिक परीक्षा जैसी स्थिति उत्पन्न की है।

कट्टरता:

पिछले एक दशक में, इस्लामिक स्टेट (IS) और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों का मालदीव में प्रभाव बढ़ता दिखाई दे रहा है।

यह पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों द्वारा भारत और भारतीय हितों के खिलाफ आतंकी हमलों के लिये लॉन्च पैड के रूप में मालदीव के द्वीपों का उपयोग करने की आशंका को जन्म देता है।

चीनी पक्ष:

हाल के वर्षों में भारत के पड़ोसी देशों में चीन के सामरिक दखल में वृद्धि देखने को मिली है। मालदीव दक्षिण एशिया में चीन की ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ (String of Pearls) रणनीति का एक महत्त्वपूर्ण घटक बनकर उभरा है।

चीन-भारत संबंधों की अनिश्चितता को देखते हुए मालदीव में चीन की रणनीतिक उपस्थिति चिंता का विषय है।

इसके अलावा मालदीव ने भारत के साथ समझौते के लिये ‘चाइना कार्ड’ का उपयोग शुरू कर दिया है।

आगे की राह

यद्यपि भारत मालदीव का एक महत्त्वपूर्ण भागीदार है, किंतु भारत को अपनी स्थिति पर संतुष्ट नहीं होना चाहिये और मालदीव के विकास के प्रति अधिक ध्यान देना चाहिये।

दक्षिण एशिया और आसपास की समुद्री सीमाओं में क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये भारत को इंडो-पैसिफिक सुरक्षा क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिये।

इंडो-पैसिफिक सुरक्षा क्षेत्र को भारत के समुद्री प्रभाव क्षेत्र में अतिरिक्त-क्षेत्रीय शक्तियों (विशेषकर चीन की) की वृद्धि प्रतिक्रिया के रूप में विकसित किया गया है।

वर्तमान में ‘इंडिया आउट’ अभियान को सीमित आबादी का समर्थन प्राप्त है, लेकिन इसे भारत सरकार द्वारा समर्थन प्रदान नहीं किया जा सकता है।

यदि ‘इंडिया आउट’ के समर्थकों द्वारा उठाए गए मुद्दों को सावधानी से हल नहीं किया जाता है और भारत, मालदीव के लोगों को द्वीप राष्ट्र पर परियोजनाओं के पीछे अपने इरादों के बारे में प्रभावी ढंग से नहीं समझाता है, तो यह अभियान मालदीव में घरेलू राजनीतिक स्थिति को बदल सकता है।

 

श्रीमद राजचंद्र 

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 04 जुलाई, 2022 को गुजरात के धर्मपुर में श्रीमद राजचंद्र मिशन के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे और आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री वलसाड ज़िले के धर्मपुर में श्रीमद राजचंद्र अस्पताल का उद्घाटन करेंगे। इस अस्पताल पर लगभग दो सौ करोड़ रुपए की लागत आई, जिसमें 250 बेड व अन्य अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। इससे दक्षिणी गुजरात के लोगों को विशेष रूप से लाभ होगा। प्रधानमंत्री श्रीमद राजचंद्र पशु अस्पताल की भी आधारशिला रखेंगे। इस अस्पताल पर लगभग 70 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह अस्पताल पशुओं की देखभाल और उपचार के लिये पारंपरिक औषधि के साथ-साथ समग्र चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराएगा। प्रधानमंत्री महिलाओं के लिये श्रीमद राजचंद्र उत्कृष्टता केन्द्र की भी आधारशिला रखेंगे। यह उत्कृष्टता केन्द्र लगभग चालीस करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा और इसमें स्वविकास कार्यक्रमों के अलावा मनोरंजन की भी सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें 700 से अधिक जनजातीय महिलाओं को रोज़गार मिलेगा और हज़ारों लोगों को आजीविका की व्यवस्था होगी।

 

सुरेश एन. पटेल

 

सुरेश एन0 पटेल ने 3 अगस्त, 2022 को केन्‍द्रीय सतर्कता आयुक्‍त (CVC) के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में उन्‍होंने राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में पद की शपथ ग्रहण की। सुरेश एन0 पटेल आंध्र बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रह चुके हैं जिन्हें अप्रैल 2020 में सतर्कता आयुक्त नियुक्त किया गया था तथा 24 जून, 2022 से कार्यवाहक CVC के रूप में सेवारत थे । केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission-CVC) एक शीर्षस्‍थ सतर्कता संस्‍थान है जो किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी के नियंत्रण से मुक्‍त है तथा केंद्रीय सरकार के अंतर्गत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है। यह केंद्रीय सरकारी संगठनों में विभिन्न प्राधिकारियों को उनके सतर्कता कार्यों की योजना बनाने, उनके निष्‍पादन, समीक्षा एवं सुधार करने के संबंध में सलाह देता है। वर्ष 1964 में के. संथानम की अध्यक्षता वाली भ्रष्टाचार निरोधक समिति (Committee on Prevention of Corruption) की सिफारिशों पर सरकार द्वारा CVC की स्थापना की गई थी। वर्ष 2003 में केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम (The Central Vigilance Commission Act) द्वारा आयोग के सांविधिक दर्जे की पुष्टि कर दी गई। यह एक स्वतंत्र निकाय है जो केवल संसद के प्रति ज़िम्मेदार है। यह अपनी रिपोर्ट भारत के राष्ट्रपति को सौंपता है।

 

प्रायोगिक शिक्षण कार्यक्रम 

 

जनजातीय छात्रों के लिये राष्ट्रीय शिक्षा सोसायटी (NESTS), जनजातीय कार्य मंत्रालय तथा सीबीएसई ने 3 अगस्त, 2022 को एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के लिये 21वीं सदी के कार्यक्रमों के अंतर्गत प्रायोगिक शिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का पहला चरण  20 नवंबर, 2021 को शुरू किया गया था जिसमें 6 राज्यों, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में स्थित सीबीएसई और EMRS के 350 शिक्षकों ने भाग लिया था। दूसरे चरण में, 8 सप्ताह के पेशेवर विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहले चरण में शामिल राज्यों के अलावा गुजरात, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और उत्तराखंड के EMRS के 300 शिक्षकों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। 21वीं सदी के लिये प्रायोगिक शिक्षण कार्यक्रम को शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के लिये एक ऑनलाइन कार्यक्रम के रूप में परिकल्पित किया गया है ताकि उन्हें कक्षा में शिक्षण को वास्तविक जीवन के अनुभवों के अनुकूल बनाने में मदद मिल सके। EMRS पूरे भारत में भारतीय जनजातियों (STs) के लिये मॉडल आवासीय विद्यालय बनाने की एक योजना है। इसकी शुरुआत वर्ष 1997-98 में हुई थी। जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा शिंदे (नासिक) में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की योजना आसपास के आदिवासी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बनाई गई है। EMRS में सीबीएसई पाठ्यक्रम का अनुसरण किया जाता है।