ESZ अधिसूचना के खिलाफ केरल का विरोध प्रदर्शन
चर्चा में क्यों?
केरल में किसान पर्यावरण संवेदी क्षेत्र (ESZ) स्थापित करने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का विरोध कर रहे हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों सहित प्रत्येक संरक्षित वन की सीमांकित सीमा से न्यूनतम एक किलोमीटर तक के क्षेत्र को अनिवार्य रूप से ESZ घोषित करने का निर्देश दिया है।
केरल राज्य विधानसभा ने केंद्र से राज्य सरकार के प्रस्तावों पर विचार करकें ज़ोन्स को अधिसूचित करने की मांग की है, जिसमें राज्य के लगभग 10 संरक्षित क्षेत्रों को शून्य ESZ के रूप में चिह्नित किया गया है।
इको सेंसिटिव ज़ोन:
परिचय:
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) की राष्ट्रीय वन्यजीव कार्ययोजना (2002-2016) ने निर्धारित किया कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत राज्य सरकारों को राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों की सीमाओं के 10 किमी. के भीतर आने वाली भूमि को इको सेंसिटिव ज़ोन या पर्यावरण संवेदी क्षेत्र (ESZ) घोषित करना चाहिये।
जबकि 10 किमी. के नियम को एक सामान्य सिद्धांत के रूप में लागू किया जाता है, इसके आवेदन की सीमा भिन्न हो सकती है।
वन्यजीव अभयारण्यों की सीमाओ से 10 किमी. से अधिक के क्षेत्रों को भी केंद्र सरकार द्वारा ESZ के रूप में अधिसूचित किया जा सकता है, यदि वे पारिस्थितिक रूप से महत्त्वपूर्ण “संवेदनशील गलियारे” हैं।
महत्त्व:
ESZs को संरक्षित क्षेत्रों के लिये “शॉक एब्जॉर्बर” के रूप में बनाया गया है ताकि आस-पास होने वाली कुछ मानवीय गतिविधियों के “कमज़ोर पारिस्थितिक तंत्र” पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सके।
ये क्षेत्र उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों से कम सुरक्षा वाले क्षेत्रों में संक्रमण क्षेत्र के रूप में कार्य करेंगे।
ESZ का उद्देश्य आस-पास रहने वाले लोगों की दैनिक गतिविधियों में बाधा डालना नहीं हैं, बल्कि संरक्षित क्षेत्रों की रक्षा करने और आसपास के वातावरण को परिष्कृत करने में मदद करना है।
पृष्ठभूमि:
यह आदेश (Order) पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ पैनल (WGEEP) की रिपोर्ट (गाडगिल रिपोर्ट) के एक दशक बाद आया है, जिसने राज्य में सामाजिक-राजनीतिक, आर्थिक और पारिस्थितिक आख्यानों को मौलिक रूप से प्रभावित किया था।
हालाँकि यह WGEEP रिपोर्ट से पहले के दिनों में राज्य द्वारा देखी गई उच्च-स्तरीय सार्वजनिक अशांति और विरोध के स्तर तक सीमित नहीं रहा बल्कि ESZ अधिसूचना ने भी राज्यव्यापी विरोध शुरू कर दिया है।
इससे पहले राज्य सरकार ने अपने मसौदा ESZ अधिसूचना के दायरे से उच्च जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों, सरकारी और अर्द्ध-सरकारी संस्थानों तथा सार्वजनिक संस्थानों को बाहर करने पर ध्यान केंद्रित किया था।
पड़ोसी राज्यों के साथ वन सीमा साझा करने वाले संरक्षित क्षेत्रों के लिये ESZ का अंकन एक शांतिपूर्ण मामला था क्योंकि बीच में कोई मानव बस्ती नहीं थी।
हालाँकि सर्वोच्च न्यायालय के हालिया आदेश ने तस्वीर बदल दी है और राज्य सरकार को कम-से-कम दस संरक्षित क्षेत्रों के ESZ पर पुनर्विचार करने के लिये कहा गया है जिन्हें पहले शून्य ESZ के रूप में चिह्नित किया गया था।
ESZ अधिसूचना:
इस अधिसूचना से केरल में अप्रिय स्थिति पैदा हो गई है जहाँ भूमि और भूमि उपयोग पैटर्न पर किसी भी नियामक तंत्र का राजनीतिक प्रभाव होगा।
केरल अपने अनूठे परिदृश्य पर संभावित प्रभाव को लेकर चिंतित है।
केरल में लगभग 30% वन भूमि है और पश्चिमी घाट राज्य के 48% हिस्से पर उसका कब्ज़ा है।
अधिसूचित संरक्षित क्षेत्रों के पास मानव आबादी के उच्च घनत्व के कारण किसान समूह और राजनीतिक दल मांग कर रहे हैं कि सभी मानव बस्तियों को ESZ नियमों से छूट दी जाए।
राज्य सरकार को आशंका है कि सर्वोच्च न्यायालय की अधिसूचना से ज़मीनी स्थिति और खराब हो सकती है क्योंकि इससे राज्य के हितों पर तथा संरक्षित क्षेत्रों के पास रहने वाले लाखों लोगों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
आगे की राह
राज्यों को प्राकृतिक संसाधनों के संबंध में आम जनता के लाभ के लिये एक ट्रस्टी के रूप में कार्य करना चाहिये ताकि दीर्घकालिक विकास को प्राप्त किया जा सके।
सरकार को अपनी भूमिका को राज्य के तत्काल उत्थान के लिये आर्थिक गतिविधियों के सूत्रधार की भूमिका तक सीमित नहीं रखना चाहिये।
वनीकरण और अवक्रमित वनों का पुनर्वनीकरण, लुप्त आवासों का पुनरुद्धार, कार्बन फुटप्रिंट को बढ़ावा दिया जा सकता है।
संरक्षण तकनीकों का प्रचार-प्रसार करना, संसाधनों के अत्यधिक दोहन और जनता के बीच इसके प्रतिकूल.
गायक भूपिंदर सिंह
जाने-माने पार्श्व गायक भूपिंदर सिंह का 18 जुलाई, 2022 को मुंबई में निधन हो गया। 82 वर्ष के भूपिंदर सिंह ने अपने कॅरियर की शुरुआत आकाशवाणी से की थी और वे दिल्ली दूरदर्शन से भी जुड़े रहे। उन्होंने फिल्मों में कई गीतों को अपनी मधुर आवाज़ दी। उन्हें “मौसम”, “सत्ते पे सत्ता”, “आहिस्ता आहिस्ता”, “दूरियाँ”, “हकीकत” और कई अन्य फिल्मों में सुरीले गीतों के लिये याद किया जाता है। इनमें “होके मज़बूर मुझे, उसने भुलाया होगा”, “दिल ढूंँढ़ता है”, “दुक्की पे दुक्की हो या सत्ते पे सत्ता, जैसे कई गीत शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रख्यात गायक और संगीतकार भूपिंदर सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया है तथा ट्वीट कर कहा कि भूपिंदर सिंह ने दशकों तक यादगार गीतों को अपनी मधुर आवाज़ दी और उनके कार्यों ने लोगों को प्रभावित किया है।
आज़ादी की रेलगाड़ी और स्टेशन का उद्घाटन
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनय कुमार त्रिपाठी ने 18 जुलाई, 2022 को दिल्ली में आज़ादी की रेलगाड़ी और स्टेशन का उद्घाटन किया। स्वतंत्रता संग्राम के समय के 75 स्टेशनों और 27 रेलगाडि़यों के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए भारतीय रेलवे ने सप्ताह भर चलने वाले समारोह का आयोजन किया है। यह आयोजन 23 जुलाई तक चलेगा। इस अवसर पर अध्यक्ष ने कहा कि आज़ादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में आज़ादी की रेलगाड़ी और स्टेशन कार्यक्रम का आयोजन जन भागीदारी और जन आंदोलन के अंतर्गत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें अतीत के स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों और गौरव तथा भविष्य के युवा भारत की महत्त्वाकांक्षाओं को दिखाया जाएगा। इसके लिये 75 रेलवे स्टेशनों और 27 रेलगाडि़यों को चिह्नित किया गया है। इस दौरान 24 राज्यों के इन 75 स्टेशनों पर क्षेत्रीय भाषा में नुक्कड़ नाटक, लाईट एंड सांउड शो, वीडियो फिल्मों के प्रदर्शन के साथ-साथ देशभक्ति के गीतों का प्रसारण किया जाएगा।
अहमदाबाद और केरल
‘टाइम मैगज़ीन’ द्वारा हाल ही में वर्ष 2022 के लिये विश्व के 50 सर्वश्रेष्ठ स्थानों की सूची जारी की गई। अहमदाबाद और केरल में घूमने के लिये 50 असाधारण स्थानों को सूचीबद्ध किया गया है। अहमदाबाद और केरल देश के साथ-साथ बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र हैं। केरल अपने समुद्र तटों और बैकवाटर के लिये प्रसिद्ध है तो दूसरी ओर अहमदाबाद साबरमती रिवरफ्रंट और गांधी आश्रम के लिये प्रसिद्ध है। टाइम मैगज़ीन ने दोनों गंतव्यों के लिये प्रोफाइल पेज तैयार किये हैं, जिसमें उनके महत्त्व पर प्रकाश डाला गया है। पत्रिका ने केरल को “इकोटूरिज़्म हॉट स्पॉट” और अहमदाबाद को “उच्च शिक्षा के शहर” के रूप में टैग किया है। केरल के लिये टाइम पत्रिका के प्रोफाइल के अनुसार, यह भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है। इसमें कई शानदार समुद्र तट और हरे-भरे बैकवाटर, महल एवं मंदिर हैं। प्रोफाइल के अनुसार, अहमदाबाद भारत का पहला यूनेस्को विश्व धरोहर शहर है। प्राचीन स्थलों के साथ-साथ यह समकालीन नवाचारों के क्षेत्र में भी अग्रणी है। यही कारण है कि अहमदाबाद को “सांस्कृतिक पर्यटन के लिये मक्का” के रूप में जाना जाता है। शीर्ष 50 की सूची में शामिल अन्य गंतव्य हैं- सियोल, बाली में बुहान, ऑस्ट्रेलिया में ग्रेट बैरियर रीफ, आर्कटिक, दोहा, नैरोबी, सियोल, संयुक्त अरब अमीरात में रास अल खैमाह, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन, जापान में क्यूशू द्वीप, इस्तांबुल, किगाली में रवांडा आदि।