Daily Current Affairs – 3rd August 2022

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

 

हाल ही में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) में विभिन्न सुधारों पर चर्चा के लिये वित्त मंत्री और बैंक प्रमुखों के बीच बैठक हुई है।।

 

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs):

परिचय:

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) की स्थापना 26 सितंबर, 1975 को प्रख्यापित अध्यादेश और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 के प्रावधानों के तहत वर्ष 1975 में की गई थी।

RRB वित्तीय संस्थान हैं जो कृषि और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिये पर्याप्त ऋण सुनिश्चित करते हैं।

RRB ग्रामीण समस्याओं से परिचित होने के साथ सहकारी विशेषताओं और वाणिज्यिक बैंक की व्यावसायिक एवं वित्तीय संसाधनों को जुटाने की क्षमता का विस्तार करतें हैं।

वर्ष 1990 के दशक में सुधारों के बाद सरकार ने वर्ष 2005-06 में समेकन कार्यक्रम शुरू किया जिसके परिणामस्वरूप RRB की संख्या वर्ष 2005 में 196 से घटकर वित्त वर्ष 2021 में 43 हो गई और इन 43 RRBs में से 30 ने शुद्ध लाभ प्रदान किये।

कार्य:

बैंक के बुनियादी कार्यों को संक्षेप में निम्नानुसार किया जा सकता है:

ग्राहकों की बचत को सुरक्षा प्रदान करने के लिये,

ऋण और पैसे की आपूर्ति बढ़ाने के लिये,

वित्तीय प्रणाली में जनता के विश्वास को प्रोत्साहित करने के लिये,

जनता की बचत जुटाने के लिये,

अपने नेटवर्क को बढ़ाने के लिये ताकि समाज के हर वर्ग तक पहुँच सके,

सभी ग्राहकों को उनकी आय के स्तर की परवाह किये बिना वित्तीय सेवाएँ प्रदान करने के लिये,

समाज के हर तबके को वित्तीय सेवाएँ प्रदान करके सामाजिक समानता लाना।

RRBs से संबंधित चुनौतियाँ:

बढ़ती लागत: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की तुलना में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) के संचालन की बढ़ती लागत।

सरकार चाहती है कि वे अपनी कमाई बढ़ाने की दिशा में काम करें।

सीमित गतिविधियाँ: कई शाखाओं के पास पर्याप्त व्यवसाय नहीं है, जिसके कारण उन्हें घाटा हो रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में वे मुख्य रूप से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण जैसी सरकारी योजनाओं की पेशकश करते हैं।

सीमित इंटरनेट बैंकिंग: वर्तमान में केवल 19 RRBs के पास इंटरनेट बैंकिंग सुविधाएँ हैं और 37 के पास मोबाइल बैंकिंग लाइसेंस हैं।

मौजूदा नियम केवल उन्हीं RRBs को इंटरनेट बैंकिंग की पेशकश करने की अनुमति देते हैं जो न्यूनतम वैधानिक पूंजी जोखिम-भारित संपत्ति अनुपात (CRAR) 10% से अधिक बनाए रखते हैं।

सरकार  के सुझाव:

सरकार ने RRBs को अपने ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं की पेशकश करने और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र को ऋण देने के माध्यम से अपने साख आधार का विस्तार करने सहित डिजिटलीकरण की ओर बढ़ने के लिये कहा है ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।

सरकार ने प्रायोजक बैंकों से RRBs को और मज़बूत करने, महामारी के बाद आर्थिक सुधार का समर्थन करने के लिये समयबद्ध तरीके से एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करने का आग्रह किया।

साथ ही RRB पर एक कार्यशाला आयोजित करने और परस्पर सर्वोत्तम उपायों को साझा करने का सुझाव दिया।

सरकार द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में किये गए सुधार:

वर्षों से भारत की वित्तीय प्रणाली में लोगों के योगदान को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा विभिन्न कदम उठाए गए हैं।

वर्ष 1969 में भारत में मौजूद कई बैंकों के राष्ट्रीयकरण के रूप में बैंकिंग क्षेत्र में एक बड़ा सुधार हुआ इसी क्रम में वर्ष 1981 में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड ) की स्थापना की गई थी।

नाबार्ड की स्थापना का मुख्य उद्देश्य स्थायी और निष्पक्ष कृषि को बढ़ावा देना और प्रभावी ऋण सहायता, संबंधित सेवाओं, संस्था विकास और अन्य नवीन पहलों के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देना था।

इसलिये नाबार्ड, RRBs को पुनर्जीवित करने की पहल का नेतृत्व करेगा।

इसके अलावा, विकास बैंक पहले से ही 22 RRBs के लिये एक रोडमैप पर काम कर रहा है, जिसके इस वर्ष के अंत तक लागू होने की उम्मीद है।

इस योजना में RRBs की शाखाओं द्वारा व्यवसाय के एक निश्चित स्तर तक पहुँच जाने पर इन्हें प्रायोजक बैंकों के साथ विलय करने का प्रावधान भी शामिल किया गया है।

पिछले वर्ष भारत सरकार ने क्षेत्रीय ऋणदाताओं को सशक्त करने हेतु सलाह देने के लिये नाबार्ड और RBI के सदस्यों के साथ एक पैनल का गठन किया था।

सरकार ने वित्तीय-वर्ष 2021-22 में RRBs के पुनर्पूंजीकरण के लिये 4,084 करोड़ रुपये का योगदान दिया है, जिसमें से 21 उधारदाताओं को प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर वित्तीय समावेशन पर ध्यान केंद्रित करने के लिये 3,197 करोड़ रुपये जारी किये गए।

आगे की राह:

कोर बैंकिंग समाधान (CBS) की तर्ज़ पर RRBs के लिये एक सामान्य ढाँचे की आवश्यकता है, ताकि वे सभी अपने ग्राहकों को ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएँ प्रदान कर सकें और अपनी पहुँच और लाभप्रदता को बढ़ा सकें।

इंटरनेट बैंकिंग जैसी अन्य सुविधाओं का भी समावेश करना चाहिये।

इसके अलावा उन्हें अपनी दक्षता बढ़ाने और बैंकिंग के विभिन्न अन्य आयामों तक पहुँचने की ज़रूरत है, जैसे व्यापारियों को ऋण प्रदान करना, जिससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) अपनी लाभप्रदता बढ़ा सकें।

 

मालदीव गणराज्य 

 

मालदीव गणराज्य के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने 02 अगस्त, 2022 को  राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से भेंट की। मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख साझेदार और घनिष्ठ मित्र है। सदियों से दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत सांस्कृतिक, आर्थिक और व्यापारिक संबंध रहे हैं। मालदीव के दक्षिणी और उत्तरी भाग में दो महत्त्वपूर्ण ‘सी लाइन्स ऑफ कम्युनिकेशन’  (Sea Lines Of Communication- SLOCs) स्थित हैं। ये SLOC पश्चिम एशिया में अदन और होर्मुज़ की खाड़ी तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में मलक्का जलडमरूमध्य के बीच समुद्री व्यापार प्रवाह के लिये महत्त्वपूर्ण हैं। भारत के विदेशी व्यापार का लगभग 50% और इसकी ऊर्जा आयात का 80% हिस्सा अरब सागर में इन SLOCs से होकर गुज़रता है। इसके अलावा भारत और मालदीव दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) और दक्षिण एशिया उप-क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग (SASEC) के सदस्य है। सरकार की “नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी” के अनुसार, मालदीव जैसे स्थिर, समृद्ध और शांतिपूर्ण देश के विकास के लिये भारत एक प्रतिबद्ध भागीदार बना हुआ है।

 

लॉन बॉल टीम स्पर्द्धा

 

बर्मिंघम राष्‍ट्रमंडल खेल में भारत ने चार पदक अपने नाम किये। महिला लॉन बॉल्स में इतिहास रचते हुए नयनमोनी सैकिया, पिक्‍की, लवली चौबे और रूपारानी तिर्की की टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 17-10 से हराकर स्‍वर्ण पदक जीता। इस प्रतियोगिता में भारत ने पहली बार स्‍वर्ण पदक जीता है। इसके बाद टेबल टेनिस में भारत को जीत हासिल हुई, जब साथियान ज्ञानशेखरन, शरथ कमल, हरमीत देसाई और सनिल शेट्टी की टीम ने सिंगापुर को मात देकर एक और स्‍वर्ण पदक दिलाया।  इंग्लैंड के बर्मिंघम में  28 जुलाई से 8 अगस्त तक राष्ट्रमंडल खेलों के वर्ष 2022 के संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। पहले राष्ट्रमंडल खेल का आयोजन वर्ष 1930 में हैमिल्टन, कनाडा में किया गया था, जहाँ 11 देशों ने छह खेलों और 59 कार्यक्रमों में भाग लेने के लिये 400 एथलीटों को भेजा था। वर्ष 1930 से हर चार वर्ष के अंतराल पर (द्वितीय विश्व युद्ध के कारण वर्ष 1942 और वर्ष 1946 को छोड़कर) इन खेलों का आयोजन किया जाता है।

 

प्रेसिडेंट्स कलर्स

 

भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को चेन्नई के राजारथिनम स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में तमिलनाडु पुलिस के लिये “प्रेसिडेंट्स कलर्स” प्रदान किया गया। तमिलनाडु पुलिस “प्रेसिडेंट्स कलर्स” प्राप्त करने वाली भारत में कुछ कानून प्रवर्तन एजेंसियों में से एक बन गई है। इस उपलब्धि हेतु सेवारत प्रत्येक पुलिस अधिकारी को एक पदक दिया जाएगा। दरअसल तमिलनाडु पुलिस भारत में सबसे बेहतरीन पुलिस बलों में से एक है। यह अनुकरणीय सेवा देने हेतु प्रसिद्ध है। साथ ही तमिलनाडु भारत की पहली महिला कमांडो यूनिट को स्थापित करने वाला राज्य भी है। प्रेसिडेंट्स कलर्स भारत में किसी भी सैन्य इकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। प्रेसिडेंट्स कलर्स पुरस्कार को निशान भी कहा जाता है, जो सभी यूनिट अधिकारियों द्वारा उनकी वर्दी के बाएँ हाथ की आस्तीन पर पहने जाने वाले प्रतीक का प्रतिनिधित्व करता है।